5185019

Total Users

417

Live Users

स्‍प्रेडिंग हैप्‍पीनेस इंडिया फाउंडेशन ने बड़ी उपलब्धि हासिल की, 2025 तक 500 ग्रामीण स्कूलों का होगा कायाकल्प

रिपोर्ट : NewsNextIndia
Uttarpradesh | आगरा

01-01-1970

144 ने देखा



NewsNext | हिंदी न्यूज़ | Hindi Samachar | Latest News

मुंबई/नई दिल्ली (अनिल बेदाग): ग्रामीण युवाओं को डिजिटल शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने के मिशन में, स्‍प्रेडिंग हैप्‍पीनेस इंडिया फाउंडेशन (एसएचआईएफ) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस पहल की शुरुआत क्रिकेट के आइकन सचिन तेंदुलकर (सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन के माध्यम से) और डिजिटल ऊर्जा प्रबंधन में अग्रणी श्नाइडर इलेक्ट्रिक इंडिया के सहयोग से हुई है। एसएचआईएफ के प्रमुख प्रोग्राम 'एसएमआईटीए' के तहत अब तक 300 से ज्यादा स्कूलों में 60,000 से अधिक छात्रों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ा गया है। इस सफलता से प्रेरित होकर, विश्व साक्षरता दिवस पर एसएचआईएफ ने 2025 तक 500 ग्रामीण सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करने का लक्ष्य रखा है। इसका उद्देश्य भारत के महत्वाकांक्षी जिलों में 100,000 से भी ज्यादा छात्रों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाना है।

एसएमआईटीए प्रोग्राम की सबसे खास बात हैं 'डिजिटल' क्लासरूम, जो ग्रामीण इलाकों में शिक्षा को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए बनाए गए हैं। अब तक, एसएचआईएफ ने 300 स्कूलों में ऐसे डिजिटल क्लासरूम बनाए हैं, जिनमें से कुछ स्कूल देश के सबसे दूरदराज के इलाकों में हैं। यह प्रोग्राम सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि 'ग्रीन एम्बेसडर' की एक कम्युनिटी भी तैयार कर रहा है, जो जलवायु के लिए सक्रिय कदम उठाने में सक्षम होती है। ये क्लासरूम सोलर ऊर्जा से चलते हैं, जिससे स्कूलों के बिजली खर्च में भी बचत हो रही है। साथ ही, वर्चुअल ट्रेनिंग के जरिए छात्रों को बेहतर शिक्षा के मौके मिल रहे हैं, जिससे उनकी शिक्षा और भी सुलभ और गुणवत्तापूर्ण हो रही है।

डिजिटल शिक्षा की अहमियत पर बात करते हुए, सचिन तेंदुलकर कहते हैं, “स्‍प्रेडिंग हैप्‍पीनेस इंडिया फाउंडेशन स्टूडेंट्स को बेहतर शिक्षा प्रदान कर डिजिटल अंतर को कम करने की पूरी कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही, बच्‍चों को पर्यावरण की सुरक्षा का महत्व भी सिखाया जा रहा है। एसएमआईटीए प्रोग्राम हमारी इस सोच को दिखाता है कि हम जिम्मेदार और जागरूक नागरिकों की एक नई पीढ़ी तैयार कर रहे हैं, जो हमें एक स्थायी भविष्य की ओर ले जाएगी। इस फाउंडेशन के जरिये हम हर बच्‍चे को आगे बढ़ने का मौका दे रहे हैं, चाहे वो किसी भी क्षेत्र में हो और उसके पास संसाधन हों या ना हों।”

उन्होंने आगे कहा, "अगर हमें दुनिया को बेहतर बनाना है, तो हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। आज के समय में जब सब कुछ कंप्यूटर और इंटरनेट पर हो रहा है, बच्‍चों की पढ़ाई को बनाए रखने के लिए शिक्षा के बुनियादी ढांचे को समय पर अपडेट करना बहुत जरूरी हो गया है।”

अपने लक्ष्य के बारे में दीपक शर्मा, ज़ोन प्रेसिडेंट- ग्रेटर इंडिया, एमडी और सीईओ, श्नाइडर इलेक्ट्रिक इंडिया ने कहा, "श्नाइडर इलेक्ट्रिक एक ऐसी कंपनी है जो समाज पर सकारात्मक असर डालने के लिए काम करती है। हमारे लिए शिक्षा एक ऐसा जरिया है जो लंबे समय तक स्थायी बदलाव लाने में मदद करता है। हमारी डिजिटल क्लासरूम पहल ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और ऊर्जा व पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण है। हमने अब तक 300 स्कूलों के 60,000 से अधिक बच्चों की जिंदगी में बदलाव लाया है और 2025 तक 500 स्कूलों का कायाकल्प करने का लक्ष्य रखा है। सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर अगली पीढ़ी को शिक्षित, सशक्त और जलवायु परिवर्तन व स्थिरता के मुद्दों पर कदम उठाने के लिए काम करना हमारे लिए गर्व की बात है।"

एसएमआईटीए प्रोग्राम के जरिये बच्‍चों को इंटरैक्टिव लर्निंग के माध्यम से पर्यावरण और ऊर्जा बचाने के बारे में सिखाया जाता है। इस प्रोग्राम का उद्देश्य बच्‍चों को 'ग्रीन एम्बेसडर' बनाना है, ताकि वे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसे काम करें जो पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाएं।

एसएचआईएफ का यह अनूठा एसएमआईटीए प्रोग्राम उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे 12 राज्यों के सरकारी स्कूलों में सकारात्मक बदलाव ला रहा है। यह संस्था छात्रों को उनकी अपनी भाषा में पढ़ने का मौका देती है और यह सुनिश्चित करती है कि बच्‍चे बिना किसी दिक्कत के अच्छी शिक्षा पा सकें।

FACEBOOK TwitCount LINKEDIN Whatsapp

NewsNext | हिंदी न्यूज़ | Hindi Samachar | Latest News


© COPYRIGHT NEWSNEXT 2020. ALL RIGHTS RESERVED. Designed By SVT India