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नैनीताल (रमेश चंद्रा)। हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह गुरु यानी बृहस्पति व शनि 397 साल बाद एक दूसरे को ‘स्पर्श’ करते नजर आने वाले हैं। यह संयोग साल के सबसे छोटे दिन यानी 21 दिसंबर को बनने जा रहा है। इस दुर्लभ खगोलीय घटना में दोनों के बीच की आभासी दूरी मात्र 0.06 डिग्री रह जाएगी। साथ ही इन दोनों के चंद्रमाओं को भी एक डिग्री के अंतराल में देखने का मौका होगा।
आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज), नैनीताल के खगोल विज्ञानी डॉ. शशि भूषण पांडेय के अनुसार शनि व गुरु को इन दिनों को आंखों से देखा जा सकता है। अब यह दोनों रोमांचक संयोग बनाने जा रहे हैं, जिसमें गुरु व शनि अपनी कक्षा में परिभ्रमण करते हुए एक दूसरे को स्पर्श करते हुए नजर आएंगे। चांदी के समान चमकीले रंग के छल्लों में लिपटा शनि ग्रह के साथ उसके उपग्रह टाइटन व रेया भी नजर आएंगे। वहीं गुरु के चार चांद यानी उपग्रह गायनामिड, कैलेस्टो, आइओ व यूरोपा भी ऐसे ही नजर आएंगे। इस घटना में दोनों ग्रहों के साथ-साथ उनके उपग्रहों के बीच की दूरी भी एक डिग्री के अंतराल में रह जाएगी।