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करीबियों को नहीं बचा पा रह माननीय्, ताबड़ तोड़ छापो से हड़कंप में शहर के उद्योग जगत ,माननीयो की हो रही छीछालेदर

रिपोर्ट : NewsNextIndia
Uttarpradesh | आगरा

6 Oct, 2023

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आगरा। मंदी के दौर में ताजनगरी में छापों से उद्योग जगत
सहमा हुआ है। बाजार में हड़कम्प मचा हुआ है। यह छापे
मंदी के इस दौर में कोढ़ में खाज का काम कर रहे हैं,
लेकिन उनकी आवाज कोई नहीं उठा रहा है। पर्दे के पीछे
दो माननीयों की जमकर किरकिरी हो रही है। एक माननीय
पूर्व में शहर की सत्ता पर काबिज रहे और संघ के अति
दुलारे और दुबारा से ताजनगरी के माननीय बनने की जुगत
में हैं। जबकि दूसरे माननीय को पार्टी लोकसभा चुनाव में
उतारने की तैयारी कर रही है। आगरा की शहरी सीट से
बने ये माननीय एक दिन हाथी की सवारी करके सत्तादल
में लौटे हैं। पिछले दिनों चुनाव के दौरान जिस व्यापरी ने
इन्हे चांदी से तोला था आजकल छापे के कारण उसकी
गर्दन जीएसटी के दलदल में फंस गई है।
खाटू भगत भी पेशोपश में
पूर्व में साइकिल वाली सरकार के गढ़ से माननीय बने
के करीबी को भी झटका लगा है। वह आगरा की उत्तर
विधानसभा सीट से सदन जाने की हसरत पाले थे, लेकिन
अंत समय में स्वामी ने ऐसी पलटी मारी की उनकी सदन
में जाने की हसरत मुंगेरी लाल के हसींन सपनों जैसी
बनकर रह गई।
पदाधिकारी की दे रहे नसीहत
सत्ताधारी दल से जुड़े पदाधिकारी इस समय शहर के
एक पदाधिकारी की नसीहत दोनों माननीयों को दे रहे हैं
जिन्होंने खुद का 49 करोड़ का मामला न सिर्फ आसानी
से निपटा भी दिया वरन खुद भी दमदार वापसी की। साथ
ही अपने सीनियर की भी वापसी करा दी। ताकि अकेले
वापसी दाग पार्टी और उनके दामन पर न लगे। बरहाल
अपने करीबियों पर शिकंजा कसने के बाद दोनों
माननीयों की जमकर छीछालेदर हो रही है। 
 

हॉस्पिटल की कमाई का भी लेनदेन
जानकार बताते हैं कि हारा हूं बाबा मुझे तेरा सहारा
है। जीतूंगा एक दिन मेरा दिल ये कहता है भजन गाकर
खाटू भगत व्यापारी के कोरोना काल में शहर के एक
नामचीन हॉस्पिटल में से चांदी काटने की चर्चा ने
दुबारा से बाजार में और विभाग में तेजी पकड़ ली है।
अब इसलिए ये चर्चा भी तेजी से चल रही है कि जांच
वाले विभाग की शक की सुई उनके कथित
पार्टनरशिप वाले हॉस्पीटल की तरफ भी घूम सकती
है। ऐसी चर्चा के बादल शहर भर में मंडरा रहे हैं।
खबरची बताना तो बहुत कुछ चाहता है लेकिन
लोकतंत्र के चौथे खंबे की वर्तमान छतिग्रस्त दशा देख
भयभीत है और डर सबको लगता है। गला सबका
सूखता है, लेकिन खबरची की इस बात में भी दम
है कि सत्ता के कट्टर समर्थक व्यापारी नेताओ का
मामला है और पूर्व में अन्य मामलों के अनुभव से
बाजार में ये कहावत चल रही है कि जिस पर कृपा
सरकार की होई ता पर कृपा करे हर कोहि। मामला
गरम भी है और इन व्यापरियों की पैरवी भी ऊपर तक
जम कर हो रही है, कल क्

 

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