3644105

Total Users

254

Live Users

सशस्त्र सेना झंडा दिवस: सशस्त्र सैनिकों के लिए कुछ करने व देने का दिन

रिपोर्ट : NewsNextIndia
Uttarpradesh | आगरा

7 Dec, 2020

841 ने देखा



NewsNext | हिंदी न्यूज़ | Hindi Samachar | Latest News

 सशस्त्र सैनिकों के बलबूते पर हम अपने घरों में सुख शांति से रह पाते हैं। यह सैनिक माइनस डिग्री तापमान में और राजस्थान जैसे रेगिस्तान में चौबीस‌ घंटे सेवा देते हुए अपने देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो जाते हैं। ऐसे में नागरिकों की यह जिम्मेदारी बनती है, कि हम भारतीय सशस्त्र सेना के जवानों कल्याण के लिए व उनके परिवार के कल्याण के लिए कुछ करें। जिससे हमारा उनके प्रति सम्मान व कल्याण सुनिश्चित हो सके। 1949 में आजादी के बाद सरकार को लगने लगा कि सैनिकों के परिजनों की भी जरूरतों का ख्याल रखने की आवश्यकता है। इसी बात को मद्देनजर रखते हुए 7 दिसंबर को झंडा दिवस मनाने का निर्णय लिया। पहले 7 दिसंबर को झंडा दि

वस के रूप में मनाया जाता था लेकिन वर्ष 1993 से अब इसका नाम सशस्त्र सेना झंडा दिवस के रूप में कर दिया गया है। सशस्त्र सेना झंडे दिवस के माध्यम से भारत के नागरिक अपना आर्थिक योगदान देते हैं। यह आर्थिक योगदान वीरांगना ,सैनिक की विधवा ,भूतपूर्व सैनिक ,युद्ध में अपंग हुए सैनिक ,कहने का तात्पर्य है सैनिकों के व उनके परिवार के कल्याण में खर्च होता है। अब यह सशस्त्र सेना व भूतपूर्व कर्मचारी संगठनों व जिले के जिलाधिकारी द्वारा मनाया जाता है। आज हम सभी नागरिकों को अपने सैनि

कों के प्रति आभार प्रकट करने का इससे अच्छा कोई तरीका नहीं हो सकता है। हमारी जिम्मेदारी बनती है जिन सैनिकों ने आतंकवाद ,उग्रवादी ,देश के दुश्मनों से मुकाबला कर उन पर विजय पाने के साथ देश में शांति स्थापित करने में अपनी जान निछावर कर दी उन सेना से जुड़े व जांबाज सैनिकों के प्रति झंडा दिवस पर अपना सहयोग करके उन्हें उनके

FACEBOOK TwitCount LINKEDIN Whatsapp

NewsNext | हिंदी न्यूज़ | Hindi Samachar | Latest News


© COPYRIGHT NEWSNEXT 2020. ALL RIGHTS RESERVED. Designed By SVT India