एक सफल और कारगार इलाज है फिजियोथेरेपी - डॉ. जे.एस. इंदौलिया
रिपोर्ट : Veeru
| आगरा
01-01-1970
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एक सफल और कारगार
इलाज है फिजियोथेरेपी
- डॉ. जे.एस. इंदौलिया
डॉ. जे.एस. इंदौलिया बताते हैं कि फिजियोथेरेपी एक तरह का चिकित्सीय
उपचार है, जो कई तरह की रिकवरी के साथ शरीर की जकड़न को दूर
करता है। दर्द या शरीर की जकड़न का इलाज सिर्फ दवा से ही कम नहीं
होता, इसके अलावा फिजियोथेरेपी से भी शरीर की जकड़न और दर्द को
कम किया जा सकता है और सामान्य जीवन जीया जा सकता है।
कभी-कभी तेज दर्द के साथ सूजन और
लालपन भी आ जाता है। मरीज को लगता
है कि उसकी हड्डी में चोट लग गई है और
प्लास्टर की जरूरत पड़ेगी। लेकिन जब
डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो मसल्स या
लीगामेंट में खिचांव आने की बात कहते हैं।
ऐसी स्थिति में फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाने
की सलाह दी जाती है। फिजियोथेरेपिस्ट का
काम हड्डी या शरीर में किसी अंग में आई
चोट या सूजन को कम कर मूवमेंट को
बढ़ाना होता है। उदाहरण के रूप में यूं
समझिए कि मानो आप सीढ़ी चढ़कर आ रहे
हैं तो और अचानक से आपके पैर या कमर
में खिचांव आ गया है।
इस स्थिति में एक फिजियोथेरेपिस्ट उस
अंग पर लगी चोट या अक्षमता के कारण का
पता लगाकर उस अंग की फिजियोथेरेपी
करेगा और परेशानी को दूर करने की
कोशिश करेगा। इस तकनीक में फिजियोथेरेपिस्ट आइस
मसाज या आइस के इस्तेमाल से मसल्स या जोड़ों में लगी
चोट और सूजन को कम करते हैं। इसके अलावा जब शरीर
की मांसपेशियों में खिचांव आ जाता है या ऊतक कमजोर
होने लगते हैं तब भी फिजियोथेरेपिस्ट क्रायोथेरेपी का प्रयोग
करते हैं। इस थेरपी के माध्यम से शरीर की नसों में रहने
वाले दर्द और ऐंठन का इलाज किया जाता है। जब शरीर
की सेल्स बढ़ने लगती है तब भी क्रायोथेरपी की मदद ली
जाती है। स्किन को बेदाग करने के लिए भी क्रायोथेरपी
कारगर है।
हीट थेरेपी
हीट थेरेपी को थमोर्थेरेपी भी कहते हैं। इसमें हीटिंग पैड, गर्म
पानी या गर्म वॉशक्लॉथ के द्वारा मसल्स और ज्वॉइंट के दर्द
को कम कर ब्लड फ्लो को बढ़ाना
होता है। इस थेरेपी से मसल्स और
ज्वॉइंट में लचीलापन बढ़ता है। हीट
थेरेपी को करने के लिए हीट स्पा या
हीट टब में बैठा जा सकता है। इसके
लिए पानी उतना ही गर्म रखें जिसे आप
सहन कर सकते हैं, नहीं तो अंग जल
सकता है। इसके अलावा गर्म पानी से
सिकाई कर भी दर्द और सूजन कम
होती है। लेकिन जिन लोगों को हाई
बीपी है, हार्ट पेशंट या प्रेग्नेंट हैं, वो हीट
स्पा या हीट थेरेपी का यूज करने से
पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
इलेक्ट्रोथेरेपी
यह एक एनर्जी-बेस्ड फिजियोथेरेपी
तकनीक है जिसमें बिजली का प्रयोग
होता है। इस तकनी में इलेक्ट्रोड्स को
स्किन के अलग अलग हिस्सों से जोड़ कर मसल्स को
एक्टिव करने, दर्द को कम करने, ब्लड सकुर्लेशन को
बढ़ाने, ऊतकों को रिपेयर करने, मसल्स को मजबूत बनाने,
हड्डियों के विकास को बूस्ट करने और ऐट्रफी को रोकने के
लिए किया जाता है। ये थेरेपी एंडोर्फिन हॉर्मोन को बढ़ाकर
दर्द से लड़ने में मदद करती है।
मायोफेशियल रिलीज
जब कोई हैवी काम करने के बाद मसल्स में खिचांव आ
जाता है और दर्द महसूस होता है तो मायोफेशियल रिलीज
का प्रयोग किया जाता है। स्पोर्ट्स पर्सनेलिटी या एथलीट्स
अक्सर मायोफेशियल रिलीज का प्रयोग करते हैं। इसमें
हल्की स्ट्रेचिंग के साथ मसाज कर मसल्स को रिलेक्स
किया जाता है।
कैसे कारगर है
फिजियोथेरेपी
डॉ. जे.एस. इंदौलिया के अनुसार,
अगर आप ये सोचते हैं कि
फिजियोथेरेपी सिर्फ खिलाड़ियों के
लिए ही होती है, तो यहां आप गलत
हैं। दरअसल, फिजियोथेरेपी का
फायदा कोई भी उठा सकता है।
फिजियोथेरेपी के फायदे
९ फिजियोथेरेपी से दर्द को
बिल्कुल खत्म या कम किया जा
सकता है।
९ मसल्स को लचीला बनाने के
लिए फिजियोथेरेपी का
इस्तेमाल किया जाता है।
९ जोड़ों का दर्द कम होता है,
और उनमें फिर से जान आ
जाती है।
९ शरीर में एनर्जी बनी रहती है।
९ शरीर की सक्रियता बढ़
जाती है।
क्या है प्रॉसेस
९ मूवमेंट्स के साथ
फिजियोथेरेपी के जरिए इलाज
किया जाता है। फिजियोथेरेपी
किस तरह से करनी है, वो
मरीज की स्थिति और उम्र को
देखकर की जाती है।
९ शरीर की जकड़न को दूर
करने के लिए और मांसपेशियों
को फिर से एक्टिव करने के
लिए एक्टिव मूवमेंट
फिजियोथेरेपी का उपयोग किया
जाता है।
९ कंटीन्युअस पैसिव
फिजियोथेरेपी में मरीज का
इलाज हीट से जरिए किया
जाता है, जिसमें मशीनों का
इस्तेमाल होता है।
९ मरीज के शरीर में कड़ेपन को
जब गर्मी देकर हिलाते-डुलाते
हैं, तो उसमें पैसिव मूवमेंट
फिजियोथेरेपी की मदद ली
जाती है।